शांति चाहिए तो पत्नी की सुनो-कोर्ट


शांति चाहिए तो पत्नी की सुनो-कोर्ट
यदि आपको वैवाहिक जीवन में शांति चाहिए तो वही करो जो पत्नी कहे। यह वैवाहिक सलाहकार द्वारा दी गई कोई सामान्य सलाह नहीं है बल्कि यह बात शीर्ष न्यायालय ने कही है।

न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू और दीपक वर्मा की अवकाश पीठ ने कहा बीबी जो बोलती है वो सुनो अन्यथा आपके लिए समस्या खड़ी हो जाएगी क्योंकि यदि आपने उसकी बात नहीं सुनी तो आपको नतीजे भुगतने पड़ेंगे।

पीठ ने हिन्दी में हलके-फुलके अंदाज में कहा कि हम सब भोगी (भुक्तभोगी) हैं। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पति को पत्नी का सुझाव स्वीकार करना ही होता है भले ही उसका कोई मतलब हो या नहीं।

पीठ ने फिर कहा कि यदि आपकी पत्नी कहती है सिर उधर घुमाओ तो उधर सिर घुमा लो। यदि वह कहती है कि इधर सिर घुमाओ तो इधर सिर घुमा लो। अन्यथा आपके लिए मुसीबत हो सकती है।

उच्चतम न्यायालय ने यह दिलचस्प सुझाव आज एक वैवाहिक विवाद से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान दिया। इसमें वायुसेना के अधिकारी दीपक कुमार ने अपनी अलग रह रही पत्नी मनीषा पर उसे (दीपक कुमार को) तथा उसके परिजनों को अप्राकृतिक यौन संबंध सहित विभिन्न आपराधिक मामलों में फँसाने का आरोप लगाया है।
sources : http://hindi.webdunia.com/news/news/national/0905/19/1090519118_1.htm

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